
वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूड़ी को बायपास सर्जरी के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। सर्जरी के एक दिन बाद आज उनका आकसमिक निधन हो गया।
अमर उजाला के स्टेट ब्यूरो चीफ वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूड़ी का बृहस्पतिवार तड़के निधन हो गया। दोपहर में उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर किया गया।
डोईवाला के प्रेमनगर निवासी राकेश खंडूड़ी (52 वर्ष) बीते करीब एक माह से ह्रदय रोग से जूझ रहे थे। बुधवार को एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों ने उनकी ओपन हार्ट सर्जरी की थी। बृहस्पतिवार को तड़के ऑपरेशन संबंधी जटिलताओं के कारण अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। निधन की खबर सुनते ही पूरे पत्रकार जगत, राजनीतिक हलकों व क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने उनके निधन पर दुख जताते हुए हरिद्वार में एसडीएम जितेंद्र कुमार के माध्यम से पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कीं। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके डोईवाला स्थित आवास पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने निधन को अपूर्णीय क्षति बताया। खंडूड़ी अपने पीछे मां, पत्नी और एक बेटा छोड़ गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक, विधायक प्रेमचंद अग्रवाल व बृजभूषण गैरोला, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी समेत तमाम गणमान्यों ने आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोपहर में हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी समेत पत्रकार व विभिन्न संगठनों के लोग मौजूद रहे।
काम के प्रति पूर्ण समर्पण थी राकेश खंडूड़ी की पहचान
राज्य के जाने माने पत्रकार दिवंगत राकेश खंडूड़ी की खासियत उनका काम के प्रति समर्पण था। पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ होने के बावजूद उनकी जड़े डोईवाला में थीं। उनकी कर्मठ कार्यशैली का हर कोई कायल था।
साल 1972 को डोईवाला में जन्मे राकेश खंडूड़ी की शिक्षा पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला से हुई थी। उनकी विशेषता यह थी कि वह अवकाश के दिनों में अपने बचपन के मित्रों से मिला करते थे। काम के प्रति उनकी जिम्मेदारी उनकी बातों में झलकती थी। वह हमेशा पहले काम को पूरा करने को अपनी प्राथमिकता मानते थे। यहीं, वजह रही कि दिवंगत राकेश खंडूड़ी का डोईवाला से लेकर देहरादून तक हर कोई कायल था।
उनके सुख-दुख के साथी समाजसेवी राजन गोयल ने बताया कि खुद्दारी उनके अंदर कूट-कूटकर भरी थी। ईमानदारी की वह मिसाल थे। मित्रों के साथ आत्मीयता के साथ मिलना उनकी खूबी थी। पत्रकारिता के साथ भ्रमण करना, माउथ ऑर्गन बजाना और किताबों का अध्ययन करना उनका शौक था। इसलिए वह पत्रकारिता के अलावा विभिन्न गतिविधियों में भी अपनी पहचान रखते थे।
बुलाते रह जाते हैं बुलाने वाले, कहां लौटकर आते हैं जाने वाले…
बुलाते रह जाते हैं बुलाने वाले, फिर कहां लौटकर आते हैं जाने वाले…बृहस्पतिवार की सुबह जैसे ही अमर उजाला के स्टेट ब्यूरो चीफ राकेश खंडूड़ी के निधन की खबर आई तो हर आंख नम हो गई। हर चेहरे पर गम था। किसी को भी इस खबर पर यकीन नहीं हो रहा था। सुबह से शाम तक लोगों ने अलग-अलग माध्यमों से उन्हें श्रद्धांजलि दीं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने खंडूड़ी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि असमय उनका चले जाना निर्भीक व समाजपरक पत्रकारिता के लिए अपूर्णीय क्षति है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राकेश खंडूड़ी का पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र में अमूल्य योगदान रहा है। उनका सौम्य, सादगी, संवेदनशील और गंभीर व्यवहार पत्रकारिता की नई पीढ़ी को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, रेखा आर्या, देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष सुखविंदर कौर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी और परिजनों को सांत्वना दी। उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, पूर्व अध्यक्ष नवीन थलेड़ी समेत वरिष्ठ पत्रकारों ने श्रद्धांजलि दी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे, सचिवालय संघ के उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, सचिवालय संघ के पूर्व अध्यक्ष दीपक जोशी ने भी श्रद्धांजलि दी। सबके चहेते राकेश खंडूड़ी के अचानक यूं जाने पर सोशल मीडिया में भी श्रद्धांजलि देने वाली पोस्ट दिनभर चलती रहीं।