
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में पवित्र यात्रा की सुरक्षा के लिए बड़ा सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया. यात्रा के काफिले में जैमर लगे रहेंगे. इस साल अमरनाथ यात्रा की अवधि घटा दी गई है. इस बार यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 38 दिन तक चलेगी. पिछली बार अमरनाथ यात्रा 52 दिनों की हुई थी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में पवित्र यात्रा की सुरक्षा के लिए बड़ा सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया. एक सुनियोजित योजना बनाई गई है, जिसमें सीआरपीएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना शामिल हैं.
सिक्योरिटी आडिट और डिजिटल मैपिंग की गई
सीआरपीएफ और दूसरे अर्धसैनिक बलों की कुल 581 कंपनियां सुरक्षा में तैनात रहेंगी. इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस भी मौजूद रहेगी. सारे सिक्योरिटी रूट का सुरक्षा ऑडिट और डिजिटल मैपिंग की गई है. सीआरपीएफ डीजी ने खुद पहलगाम जाकर सिक्योरिटी रिव्यू किया है. हर यात्री और पोनी राइडर का डिजिटल पहचान पत्र बनेगा. यात्रा के काफिले में जैमर रहेंगे ताकि आईईडी ब्लास्ट जैसी घटना को रोका जा सके. सुरक्षाकर्मियों के पास सैटेलाइट फोन होंगे. यात्रियों और गाड़ियों में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (RFID) होगा. यात्रा में पुलिस और सीआरपीएफ की अलग डेडिक्टेड पीसीआर वैन होंगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 30 मई 2025 को सभी सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक सतर्कता और चौकसी बनाए रखते हुए आगामी अमरनाथ यात्रा को पूरी तरह शांतिपूर्ण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
अमरनाथ यात्रा को लेकर हुई थी सुरक्षा बैठक
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में इस उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू, डीजीपी नलिन प्रभात और गृह मंत्रालय, सेना, अर्धसैनिक बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, नागरिक प्रशासन और केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश की खुफिया एजेंसियों के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
गृहमंत्री ने तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का मूल्यांकन किया. अत्यंत सतर्कता बनाए रखने और पवित्र यात्रा को निर्बाध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए. “
अमरनाथ यात्रा की अवधि को घटाने का फैसला पहलगाम आतंकी हमले से पहले तय की गई थी. इसका सुरक्षा मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है. यात्रा की तारीख मौसम के आधार पर तय की जाती हैं.