
अमेरिकी सीनेटर ने उन देशों को भी चेतावनी दी है जो रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदते हैं. उन्होंने कहा कि रूस के अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (14 जुलाई 2025) को रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर व्लादिमीर पुतिन को धमकी दी. उन्होंने कहा कि अगर 50 दिनों के भीतर यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ तो रूस पर कड़े टैरिफ लगाए जाएंगे. उसके इस फैसले का अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने स्वागत किया और धमकी दी कि अगर रूस हमारी बात नहीं मानता है तो उसे कड़े परिणाम भुगतने होंगे.
सस्ते रूसी तेल खरीदने वाले देशों को भी चेताया
लिंडसे ग्राहम ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “अगर पुतिन और अन्य लोग सोच रहे हैं कि 51वें दिन क्या होगा, तो मेरा सुझाव है कि वे अयातुल्ला खामेनेई को फोन करें.” चेतावनी दी कि न केवल रूस, बल्कि उसके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. उन्होंने सस्ते रूसी तेल खरीदने वाले देशों का जिक्र करते हुए कहा कि वे भी आलोचनाओं के घेरे में आ सकते हैं.
लिंडसे ग्राहम ने चेतावनी देते हुए कहा, “यदि मैं कोई ऐसा देश होता जो सस्ता रूसी तेल खरीदता और पुतिन की युद्ध को समर्थन देता तो मैं राष्ट्रपति ट्रंप की बात पर विश्वास करता.”
ट्रंप ने रूस को टैरिफ लगाने की दी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूट के साथ ओवल ऑफिस बैठक के दौरान कहा कि इस बार अमेरिका रूस पर 100 फीसदी सेकेंडरी टैरिफ लगाएगा. उन्होंने कहा, “मैं व्यापार का उपयोग कई चीजों के लिए करता हूं, लेकिन यह जंग को खत्म करने में अच्छा साबित होगा. मैं पुतिन को हत्यारा नहीं कहना चाहता, लेकिन वे एक कठोर व्यक्ति हैं.”
हमें देखना है 50 दिन के बाद क्या होगा- रूस
ट्रंप के बयान के बाद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मॉस्को नए प्रतिबंधों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हमारे विरुद्ध घोषित प्रतिबंधों की संख्या पहले ही काफी ज्यादा है. हम उनका सामना कर रहे हैं. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम (संभावित अमेरिकी प्रतिबंधों का) सामना कर लेंगे.
रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार सर्गेई लावरोव ने कहा, “हम लगभग 50 दिन के बाद यह समझना चाहेंगे कि इस बयान के पीछे क्या तात्पर्य है. इससे पहले भी 24 घंटे और 100 दिन की समय-सीमाएं दी गई थीं. हमने यह सब देखा है और वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति की मंशा को समझना चाहेंगे.”