
“चुप्पी में मैं धैर्य हूं, चुनौती में मैं शौर्य हूं. मैं हूं सिंदूर – आतंक का अंत, साहस की सीमा रेखा. मैं जीवन की जननी हूं, संहार की साक्षी हूं. मैं ही हूं सिंदूर…” तालियों की गूंज के बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की मौजूदगी में जब ये पंक्तियां दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के मंच से गूंजीं, तो माहौल में देशभक्ति, साहस और जनसेवा की भावना भर उठी. अवसर था दिल्ली सरकार के 100 दिन पूरे होने का, जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में हुए उल्लेखनीय कार्यों की झलक पेश की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र, राज्य सरकार और एमसीडी के समन्वय से चल रही योजनाओं ने ‘विकसित दिल्ली’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत नींव रख दी है
दिल्ली सरकार के इन 100 दिनों ने न सिर्फ जनसेवा का नया मानदंड स्थापित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि सही नेतृत्व और समन्वय के साथ कैसे बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं. ट्रिपल इंजन गवर्नेंस—केंद्र, राज्य और एमसीडी—के सहयोग से दिल्ली अब ‘विकसित भारत’ की राह पर तेजी से बढ़ रही है. आइए, इन 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियों पर एक नजर डालें, जो दिल्ली को एक मॉडल शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं
आयुष्मान भारत की शुरुआत
दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए आयुष्मान भारत योजना को लागू किया. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. अब तक 2.95 लाख दिल्लीवासियों ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया है, और यह प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा, 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए ‘वय वंदना योजना’ शुरू की गई, जिसमें उन्हें भी 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा. सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 12,826 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिसके तहत 1,139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 300 नई डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं, और जल्द ही हर अस्पताल में जन औषधि केंद्र खुलेंगे, जहां सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी. इसके साथ ही, 6 मोबाइल डेंटल वैन शुरू की गई हैं, जो रोजाना 400 लोगों का इलाज कर रही हैं. ये कदम दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को हर घर तक पहुंचाने की दिशा में अहम हैं
दिल्ली की सांसें होंगी साफ
दिल्ली में प्रदूषण और यमुना नदी की गंदगी लंबे समय से बड़ी चुनौती रही है. सरकार ने इन 100 दिनों में इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. ‘देवी योजना’ के तहत 460 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की गई हैं, और साल के अंत तक 2,080 बसें सड़कों पर होंगी. ये बसें न सिर्फ प्रदूषण कम करेंगी, बल्कि लोगों को उनके घर तक पहुंचाएंगी, जिससे ऑटो और कैब की जरूरत कम होगी. इसके अलावा, 1,000 स्प्रिंकलर और स्मॉग गन तैनात किए गए हैं, और पहली बार क्लाउड सीडिंग तकनीक का ट्रायल शुरू हुआ है. यमुना सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. 40 डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी प्लांट बनाए जा रहे हैं, और 1.6 मिलियन मीट्रिक टन गाद हटाई गई है. ओखला में 124 एमजीडी का नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जल्द शुरू होगा। ये कदम दिल्ली की हवा और पानी को साफ करने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएंगे
दिल्ली की रफ्तार को नई दिशा
दिल्ली में ट्रैफिक और कनेक्टिविटी की समस्या को हल करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. एनसीआर क्षेत्र से कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट ने 54 प्रमुख सड़कों की मरम्मत की है, और ‘डस्ट-फ्री दिल्ली’ कैंपेन के तहत 3,500 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों की सफाई हुई है. 312 बाजारों में रात के समय सफाई का विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिससे ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार हुआ है. इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है, ताकि स्लम क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बेहतर हो। स्वच्छ पानी और सैनिटेशन के लिए 9,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. ये कदम दिल्ली की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है. पहली बार ‘स्कूल फीस रेगुलेशन बिल’ को मंजूरी दी गई है, जिससे शिक्षा सस्ती और सुलभ होगी. अनुसूचित जाति के छात्रों को आईटीआई और पॉलिटेक्निक में 1,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा. 75 वर्ल्ड-क्लास सीएम स्कूल, 125 डिजिटल स्कूल लाइब्रेरी और 100 डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भाषा प्रयोगशालाएं बनाने का काम शुरू हो गया है. महिला सशक्तिकरण के लिए ‘महिला सम्मान योजना’ के तहत गरीब महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने के लिए 5,100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है. साथ ही 50,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा बढ़े. ये कदम दिल्ली के बच्चों और महिलाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में अहम हैं
विकसित दिल्ली, विकसित भारत की राह
दिल्ली सरकार के इन 100 दिनों ने ‘विकसित दिल्ली’ के सपने को मजबूत नींव दी है. 1 लाख करोड़ रुपये का ‘विकसित दिल्ली बजट 2025-26’ इस दिशा में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहा है. 70 लाख नए पेड़ लगाने, 30,000 मीट्रिक टन कचरे की रोजाना बायोमाइनिंग और 24/7 वेस्ट डिस्पोजल जैसे कदम सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दे रहे हैं. सामाजिक कल्याण के लिए 10,047 करोड़ रुपये का बजट, 5 रुपये में भोजन के लिए 100 अटल कैंटीन और 3,000 नए वाटर कूलर जैसे कदम सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी पीछे न छूटे। दिल्ली एक राष्ट्रीय राजधानी के तौर पर देश के लिए एक मिसाल बन सकती है. अगर दिल्ली ट्रैफिक, प्रदूषण और इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों से पार पा लेती है, तो यह अन्य राज्यों के लिए एक रोडमैप होगा. 2024 की नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली जैसे शहरी केंद्र भारत के जीडीपी में 60% से ज्यादा योगदान देते हैं. अगर दिल्ली सस्टेनेबल ग्रोथ का मॉडल बनती है, तो यह भारत को 2047 तक 26 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के लक्ष्य के करीब ले जाएगी. दिल्ली का विकास ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा. इन 100 दिनों ने दिल्ली को सही दिशा में ले जाने का भरोसा दिया है