
भारत में बजट निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत हलवा सेरेमनी से होती है, जो वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक परंपरा है. इसमें विशेष हलवा पकाकर कर्मचारियों में बांटा जाता है. शुक्रवार की शाम को हलवा सेरेमनी के साथ ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के बजट 2025 की पोथी के तैयार होने के संकेत दे दिए हैं. अब 1 फरवरी 2025 को देश की जनता जानेगी कि मौजूदा सरकार के पिटारे में उनके लिए क्या-क्या है. खैर, चलिए, आज हम आपको बजट से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी के बारे में बताते हैं. दरअसल, भारत में बजट निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत एक विशेष और पारंपरिक समारोह, जिसे “हलवा सेरेमनी” कहा जाता है, से होती है. यह समारोह न केवल एक सांस्कृतिक परंपरा है, बल्कि वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों के समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है. क्या होती है हलवा सेरेमनी
हलवा सेरेमनी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा बजट निर्माण प्रक्रिया के आरंभ के प्रतीक के रूप में आयोजित की जाती है. बजट पेश करने से कुछ दिन पहले आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम एक विशेष हलवे को पकाने और इसे मंत्रालय के कर्मचारियों में वितरित करने के लिए प्रसिद्ध है. इस कार्यक्रम के बाद बजट तैयार करने में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी “लॉक-इन” अवधि में प्रवेश करते हैं, जहां उन्हें बाहरी संपर्क से अलग रखा जाता है. कैसे बनता है हलवा
इस समारोह के लिए हलवा मंत्रालय के रसोई घर में पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से सूजी, घी, चीनी, और मेवों का उपयोग किया जाता है. इसे एक बड़े भगौने में पकाया जाता है और इसके पकने की प्रक्रिया में वित्त मंत्री खुद उपस्थित रहते हैं.
कौन बनाता है और कौन खाता है
हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्रालय के रसोइये इस मिठाई को तैयार करते हैं। इसे मंत्रालय के कर्मचारियों, अधिकारियों और अन्य स्टाफ के बीच वितरित किया जाता है. वित्त मंत्री स्वयं इसे कर्मचारियों को परोसते हैं, जो इस आयोजन को और अधिक खास बना देता है.