पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र अपनी अनूठी वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों के कारण न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है। पूर्वी राजस्थान के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध डीग-कुम्हेर-भरतपुर क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाने की तैयारी जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास के लिए 250 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखा है।मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में बताया कि यह क्षेत्र बृज संस्कृति का केंद्र है, जहां के भव्य किले, ऐतिहासिक महल, जल-कुण्ड, मंदिर और स्मारक इसकी समृद्ध विरासत का परिचय देते हैं। इस परियोजना के तहत, इन स्थलों को जोड़कर एक एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे न केवल इन स्थलों का संरक्षण और संवर्धन होगा, बल्कि यहां की लोककला, परंपराएं और सांस्कृतिक धरोहर भी जीवंत हो उठेंगी।
परियोजना के सफल क्रियान्वयन से पूर्वी राजस्थान में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। यह कदम स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएगा।
पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र अपनी अनूठी वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों के कारण न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है। खासकर डीग के जलमहल, भरतपुर के किले और कुम्हेर के ऐतिहासिक स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्रों के रूप में उभारने की पूरी संभावना है।इस योजना के अंतर्गत न केवल पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, बल्कि क्षेत्रीय परिवहन, साफ-सफाई और सुरक्षा जैसे बुनियादी ढांचे को भी सुदृढ़ किया जाएगा। यह प्रयास पूर्वी राजस्थान के पर्यटन परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।