
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंबेडकर ने आरक्षण की सौगात दी। 1951 के आंकड़ों के अनुसार एससी-एसटी की साक्षरता दर तब डेढ़ प्रतिशत थी, आज यह 59 प्रतिशत तक पहुंची है। इसमें आंबेडकर जी का योगदान है। उन्होंने एससी-एसटी वर्ग का जीवन बदल दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली से सोमवार सुबह 11 बजे इंदौर विमानतल पहुंचे और डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्म स्थली महू जाकर बाबा साहेब की प्रतिमा को नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने उन सभी कामों को प्रावधान और नियमों में बाधा, जो देश में समस्या बन सकते थे। उन्होंने एससी-एसटी वर्ग का जीवन बदल दिया। आंबेडकर जी भारत के भविष्य को जानते थे। वे समाज की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उनके योगदान को हमेशा नकारा। बाबा साहेब को लोकसभा चुनाव जीतने नहीं दिया। कांग्रेस को ये गलती नहीं करना चाहिए थी।
सीएम ने कहा कि उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने सर्वहारा वर्ग के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने समाज की समानता के लिए, गरीब वर्ग की शिक्षा के लिए काफी काम किए। उन्होंने खुद उच्च शिक्षा ग्रहण की। विदेशों में भी जाकर उन्होंने पढ़ाई की। उनका जीवन प्रेरणादायक है। लोगों ने लंदन में शिक्षा ली थी। लंदन में उस स्थान को भी तीर्थ बनाया है। लंदन यात्रा के दौरान मैं वहां गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंबेडकर ने आरक्षण की सौगात दी। 1951 के आंकड़ों के अनुसार एससी-एसटी की साक्षरता दर तब डेढ़ प्रतिशत थी, आज यह 59 प्रतिशत तक पहुंची है। इसमें आंबेडकर जी का योगदान है। उन्होंने एससी-एसटी वर्ग का जीवन बदल दिया।
धारा 370 का विरोध किया था
आरक्षण के माध्यम से समता के लिए उन्होंने काम किया। इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी विविधता वाले देश में लोकतंत्र में सबको समाहित किया। बाबा साहेब ने धारा-370 का विरोध किया था। उस कलंक को मिटाते हुए मोदी सरकार ने उस धारा को हटाकर जम्मू-कश्मीर को संविधान के दायरे में लाने का प्रयास किया।
संविधान की दिलाई शपथ
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने भी आंबेडकर के सिद्धांत अपना कर निर्धन वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाईं। उसका लाभ भी उस वर्ग को मिल रहा है। केंद्र सरकार ने आंबेडकर की जन्मस्थली से दिल्ली तक आने जाने के लिए एक ट्रेन भी शुरू की है। मुख्यमंत्री इंदौर में संविधान महाकुंभ में पहुंचे। यहां उन्होंने सभी को संविधान की शपथ दिलाई।