मानसून में जलभराव हुआ तो सस्पेंड होंगे AE और JE, सरकार ने बनाई व्यापक योजना

दिल्ली सरकार ने इस वर्ष मानसून से पहले राजधानी को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक सख्त रणनीति लागू कर दी है. PWD और दिल्ली के जल मंत्री श्री प्रवेश साहिब सिंह के नेतृत्व में यह अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. मानसून के दौरान राजधानी की सड़कों को जलभराव-मुक्त रखना और नागरिकों को राहत प्रदान करना है

445 जलभराव स्थलों की पहचान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 2025 के लिए 445 ऐसे जगहों की पहचान की है, जहां हर साल बारिश के दौरान जलभराव की समस्या सामने आती है. इनमें से 335 प्वाइंट्स PWD के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. सरकार ने हर ऐसे प्वाइंट पर संबंधित सहायक अभियंता (AE) और कनिष्ठ अभियंता (JE) को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया है. मंत्री ने साफ किया है कि अगर कहीं जलभराव पाया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी

विशेष निगरानी
इन जलभराव जगहों में से 7 को विशेष प्वाइंट के रूप में चिन्हित किया गया है, जिनकी निगरानी PWD के इंजीनियर-इन-चीफ द्वारा की जाएगी. साथ ही हर प्वाइंट पर 24 घंटे काम करने वाले पंप ऑपरेटर तैनात रहेंगे, जिनके लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वह आपातकालीन स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दे सकें. दिल्ली को 35 जोन में बांटकर नालियों की सफाई यानी डिसिल्टिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है. अब तक 50 किलोमीटर लंबी नालियों की सफाई पूरी हो चुकी है, जबकि लक्ष्य 1400 किलोमीटर तय किया गया है. यह काम समय से पूरा किया जाएगा ताकि बरसात से पहले जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त हो सके

ट्रैफिक जाम
हर जलभराव प्वाइंट की स्थिति की निगरानी हर रोज की जाएगी और इसकी रिपोर्ट सीधे जल मंत्री को भेजी जाएगी. मंत्री ने यह भी साफ किया है कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जनता को परेशानी से बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस पूरे अभियान का लक्ष्य यही है कि मानसून के दौरान दिल्लीवासी ट्रैफिक जाम, जलभराव और उससे होने वाली असुविधाओं से बचे रहें. सरकार का दावा है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो इस बार दिल्ली की सड़कों पर पानी नहीं रुकेगा

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