ना मेकिंग चार्ज, ना जीएसटी- Gold में निवेश करने का ये तरीका बहुत कम लोग ही जानते हैं

सोने की बढ़ती कीमतों ने आम निवेशकों और खरीदारों की टेंशन बढ़ा दी है। इससे भी बड़ी टेंशन की बात ये है कि सोना खरीदने वाले लोगों को अब बढ़े हुए भाव के हिसाब से ही जीएसटी और मेकिंग चार्ज भी चुकाना होगा। अब मान लीजिए आप 80,000 रुपये की एक गोल्ड चेन खरीद रहे हैं, जिस पर 15 प्रतिशत मेकिंग चार्ज है। पिछले कुछ दिनों में गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। हालांकि, बुधवार को सोने के भाव में हल्की गिरावट देखने को मिली। बुधवार को राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 340 रुपये गिरकर 87,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। इसके साथ ही 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव भी 340 रुपये घटकर 87,560 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। बताते चलें कि मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 88,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी।

सोने के भाव के साथ-साथ बढ़ता जाएगा मेकिंग चार्ज और जीएसटी

सोने की बढ़ती कीमतों ने आम निवेशकों और खरीदारों की टेंशन बढ़ा दी है। इससे भी बड़ी टेंशन की बात ये है कि सोना खरीदने वाले लोगों को अब बढ़े हुए भाव के हिसाब से ही जीएसटी और मेकिंग चार्ज भी चुकाना होगा। अब मान लीजिए आप 80,000 रुपये की एक गोल्ड चेन खरीद रहे हैं, जिस पर 15 प्रतिशत मेकिंग चार्ज है। ऐसे में आपको सोने का 80,000 रुपये, मेकिंग का 12,000 रुपये और 3 प्रतिशत जीएसटी के रूप में 2400 रुपये चुकाने होंगे। जिससे आपकी 80,000 रुपये की चेन कुल 94,400 रुपये की पड़ जाएगी। इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि जैसे-जैसे सोने की कीमतें बढ़ेंगी, वैसे-वैसे मेकिंग चार्ज और जीएसटी का कुल चार्ज भी उसी तेजी से बढ़ता जाएगा।

इंवेस्टमेंट के लिए गोल्ड ईटीएफ रहेगा बेस्ट ऑप्शन

अगर आप इंवेस्टर हैं जो गोल्ड में इंवेस्ट करना पसंद करते हैं तो गोल्ड ईटीएफ आपके लिए बेस्ट ऑप्शन रहेगा। गोल्ड ईटीएफ, एक म्यूचुअल फंड कैटेगरी है। इस पर न तो आपको मेकिंग चार्ज देना होगा और न ही जीएसटी। गोल्ड ईटीएफ के जरिए गोल्ड बुलियन में निवेश किया जाता है। इसकी एक यूनिट 1 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड के बराबर होती है। गोल्ड ईटीएफ को शेयर बाजार में खरीदा और बेचा जाता है। अगर आप गोल्ड ईटीएफ बेचते हैं तो आपको फिजिकल गोल्ड नहीं बल्कि उसके बराबर के पैसे सीधे खाते में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ में ट्रेड करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना जरूरी है।

गोल्ड ईटीएफ में फिजिकल गोल्ड से भी ज्यादा मुनाफा

गोल्ड ईटीएफ का भाव भी सोने के भाव के साथ-साथ घटता और बढ़ता रहता है। जब गोल्ड का भाव बढ़ता है तो गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट का भी भाव बढ़ता है। यानी आपको गोल्ड ईटीएफ पर बिल्कुल उतना ही मुनाफा होगा, जितना आपको फिजिकल गोल्ड पर होता है। सही मायने में देखा जाए तो गोल्ड ईटीएफ में फिजिकल गोल्ड से भी ज्यादा मुनाफा होगा। दरअसल, फिजिकल गोल्ड बेचने पर आपको सिर्फ गोल्ड की वैल्यू मिलती है और जीएसटी तथा मेकिंग चार्ज में खर्च हुआ पैसा बर्बाद हो जाता है। जबकि गोल्ड ईटीएफ में न जीएसटी लगता है और न मेकिंग चार्ज तो ऐसे में आपका काफी पैसा बच जाता है।


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