
हरियाणा में कम होते लिंगानुपात मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या और घटते लिंगानुपात को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बेटियों की कम संख्या मामले में प्रदेश के 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इससे पहले हिसार जिले के पीएनडीटी के नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।
12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएसी) में नाहर (जिला रेवाड़ी), तोशाम (जिला भिवानी), दनौदा (जिला जींद), कुंजपुरा (जिला करनाल), ताऊरू (जिला नूंह), तिगांव (जिला फरीदाबाद), भट्टू कलां (जिला फतेहाबाद), अटेली (जिला महेंद्रगढ़), उकलाना (जिला हिसार), बड़ोपल (जिला फतेहाबाद), निसिंग (जिला करनाल) और लाडवा (जिला कुरुक्षेत्र) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) इंचार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। यदि उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया तो उन्हें चार्जशीट किया जाएगा। सबसे कम लिंगानुपात वाले 3 सीएचसी के एसएमओ इंचार्ज को चार्जशीट किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य में सबसे कम लिंगानुपात वाले 5 जिलों चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों को तुरंत बदल दिया गया है। सिविल सर्जन, हिसार अवैध गर्भपात में शामिल दलाल उषा के खिलाफ आपराधिक मामला और एफआईआर दर्ज की जा रही है। सिविल सर्जन रोहतक और सोनीपत ने पूजा के मामले में केस दर्ज किया है। सिविल सर्जन मामले को दोबारा ट्रैक कर रहे हैं और परिवार और इलाज करने वाले डॉक्टर की जांच भी की जा रही है।