
एनएच 130 रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए डिवाइडर और फुटपाथ की रेलिंग को चोरों ने तीन किलोमीटर तक उखाड़ लिया है। नवागांव से लेकर हिर्री तक सुरक्षा के लिए लगाए गए एंगल, सरिया और पाइप चोरी हो चुके हैं।
यह घटना न सिर्फ एनएचएआई की 24 घंटे की पेट्रोलिंग पर सवाल खड़े करती है, बल्कि स्थानीय पुलिस की निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोलती है। लाखों रुपये का ईंधन खर्च कर दिन-रात गश्त करने वाले दो विभागों की मौजूदगी में भी सरकारी संपत्ति चुपचाप गायब हो जाना, लापरवाही की हद है।
हादसे रोकने के लिए लगवाई थी रेलिंग
एनएचएआई ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिवाइडर पर सरिया और सड़क किनारे पाइप लगवाए थे। मकसद था कि तेज रफ्तार वाहनों को नियंत्रित किया जा सके और आमने-सामने की टक्कर रोकी जा सके। इसके साथ ही पैदल चलने वालों और बाइक चालकों को मार्ग से अलग रखने की व्यवस्था भी की गई थी।
मगर, चोरों ने लाखों रुपये की यह संरचना बेखौफ होकर गायब कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि चोरी की भनक न एनएचएआई को लगी और न ही पुलिस को। पूछने पर एनएचएआई के अधिकारी केवल थाने में शिकायत दर्ज कराने और जनता को सतर्क रहने की बात कह रहे हैं, जबकि पुलिस जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ रही है।
जिम्मेदारी उठाने की बजाय दे रहे सतर्क रहने का हवाला
सरकारी संपत्ति पर चोरों की नजर सुरक्षा के लिहाज से करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए डिवाइडर और फुटपाथ की पाइप को चोरों ने बेधड़क निशाना बनाया है। यह चोरी न केवल बड़ी संख्या में की गई है, बल्कि अभी भी जारी है।
विभागीय अधिकारी चोरी रोकने की जिम्मेदारी उठाने के बजाय जनता की सतर्कता का हवाला दे रहे हैं, जिससे उनकी लापरवाही साफ झलकती है। एनएचएआई और पुलिस के बावजूद चोर बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
एनएचएआई की 24 घंटे की पेट्रोलिंग और चकरभाठा व हिर्री पुलिस की नियमित गश्त के बावजूद इतनी बड़ी चोरी होना चौंकाता है। चोरों ने खुलेआम कई किलोमीटर तक रेलिंग उखाड़ दी और किसी को भनक तक नहीं लगी। जब सारी व्यवस्थाएं तैनात थीं, तो सवाल उठता है कि आखिर चोर वारदात को कैसे अंजाम दे पाए?